पाठ-1 प्रार्थना विधा- कविता उपनिषद् के आधार पर लिखी गई इस प्रार्थना में सद्ज्ञान, सद्बुद्धि और सद्कर्म के मार्ग पर चलते रहने की कामना की गई है। जिससे विश्व में शांति और सुख का साम्राज्य स्थापित हो सके। यह प्रार्थना उपनिषद् के श्लोकों का भावानुवाद है। युगों से चले आ रहे जीवन के महान आदर्श हमारे वर्तमान जीवन के लिए भी प्रेरणादायक हैं। यह प्रार्थना किसी धर्म-विशेष से संबंधित नहीं है। इसमें प्रकट की गई कामनाएँ मानवतावादी, सार्वभौमिक और सर्वकालिक हैं। 1. प्रश्नों का उत्तर लिखिए- 1. यह प्रार्थना किसका भावानुवाद है ? (क) वेद का (ख) उपनिषद् का (ग) रामायण का (घ) महाभारत का सही उत्तर- (ख) उपनिषद् का 2. प्रस्तुत प्रार्थना में 'अंधकार' से क्या तात्पर्य है ? (क) अज्ञान (ख) अंधकार (ग) रोमानी की कमी (घ) सूर्यास सही उत्तर- (क) अज्ञान 3. इस प्रार्थना में किस पर विजय की की गई है ? (क) सत्य पर (ख) अंधकार पर (ग) मृत्यु पर (घ) पराजय पर सही ...
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